Thursday, May 26, 2011

बाजार टूटने-सँभलने का असमंजस अभी जारी

भारतीय शेयर बाजार अभी डरा भी रहा है और एकदम से वापस सँभलने की उम्मीदें भी दिख रही हैं। इस महीने की शुरुआत में 04 मई को मैंने लिखा था कि “यहाँ सहारा नहीं मिलने पर 5375 अगला पड़ाव बनता है।” उस समय निफ्टी का पिछला बंद स्तर 5565 था।

अपने इसी लेख में मैंने 3 संरचनाओं का जिक्र किया था, जिनके कारण 5375 एक मजबूत स्तर लग रहा था। पहली बात यह कि 4786-6339 की 61.8% वापसी का स्तर 5379 पर है। दूसरे, अक्टूबर 2008 की तलहटी 2253 से नवंबर 2010 के शिखर 6339 की 23.6% वापसी भी 5375 पर है। तीसरे, जुलाई 2008 की तलहटी यानी 3790, अगस्त 2009 की तलहटी 4353 और मई 2010 की तलहटी 4786 को मिलाती रुझान रेखा भी उस समय 5375 के आसपास थी।

निफ्टी ने इन तीनों संरचनाओं के लिहाज से एक मजबूत सहारे को तोड़ा है। लेकिन कई बार बाजार कुछ छकाता है। किसी मजबूत सहारे को तोड़ने का आभास देने के बाद वापस पलट जाता है। रुझान-रेखाओं या वापसी (रिट्रेसमेंट) के स्तरों पर सहारा या बाधा लेते समय यह खास तौर पर दिखता है कि ठीक उसी स्तर पर सहारा या बाधा लेने के बदले बाजार कुछ आगे जा कर या कुछ पहले ही पलट जाता है।
दरअसल 3790, 4353 और 4786 को मिलाती रुझान रेखा साल 2004 से ही निफ्टी को अच्छा सहारा देती रही है। इसका जिक्र मैंने 10 जून 2010 को भी किया था।  लिहाजा यह उम्मीद रखना गलत नहीं होगा कि इसके आसपास निफ्टी को फिर से सहारा मिल सकता है। लेकिन इस सहारे का पक्के तौर पर टूटना बाजार के लिए खतरे का साफ संकेत होगा।

अभी 18 मई को ही मैंने लिखा था कि फरवरी 2011 की तलहटी 5178 से अप्रैल 2011 के शिखर 5944 की 61.8% वापसी के स्तर 5470 को तोड़ने के बाद निफ्टी का अगला सहारा 5331 पर है। बुधवार को निफ्टी का निचला स्तर 5329 का रहा, जहाँ से सँभलने के बाद इसका बंद स्तर 5349 पर रहा। ध्यान रखें कि अभी मार्च में निफ्टी ने 5349 की तलहटी से उछाल ली थी।

तो इन स्तरों से बाजार के संभलने की संभावना काफी बनती है। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया तो? पहला पड़ाव 5178, और उसके बाद नजर होगी 4786 पर।
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Source :
Rajeev Ranjan Jha, शेयर मंथन,