Wednesday, April 11, 2012

वारेन बफे : दुनिया के सबसे रईस आदमी की सच्चाई जानकर आप चौंक जाएंगे

जी हां, यह बिल्कुल सच है। हम जिस सज्जन की बात कर रहे हैं वे अपने बचपन के दिनों में वाकई चुइंग गम, कोका कोला, अखबार वगैरह बेचा करते थे लेकिन अपनी मेहनत, दूरदर्शिता और सूझबूझ से दुनिया के सबसे दौलतमंद इंसान बन गए।

यह किस्सा है खरबपति निवेशक वारेन बफे का जो अमेरिकी नागरिक हैं। वह सिर्फ दुनिया के सबसे दौलतमंद ही नहीं रहे बल्कि सबसे बड़े दानी भी हैं। उनका जन्म अमेरिका के ओमाहा में 1930 में हुआ और वहां से उन्होंने स्कूली शिक्षा प्राप्त की। वह अपने पिता के इकलौते बेटे थे। 1942 में उनके पिता अमेरकी कांग्रेस में चुन लिये गए थे। लेकिन इससे बफे को कोई फर्क नहीं पड़ा और वे पैसे कमाने के लिए छोटे-मोटे काम करने लगे। वह घर-घर जाकर चुइंग गम, कोका कोला और पत्रिकाएं वगैरह बेचने लगे। इन सब से जो आमदनी होती थी उसे वे निवेश करते थे और महज 14 साल की उम्र में अपना पहला रिटर्न दाखिल किया।


और पैसे कमाने के लिए उन्होंने अपने एक दोस्त के साथ एक पिनबॉल मशीन खरीदी। यह मशीन दर्सल क तरह का गेम है जिसमें खिलाड़ी को प्वाइंट मिलते हैं। इस मशीन को उन्होंने एक नाई की दुकान में रख दिया। यह मशीन इतनी सफल रही कि देखते ही देखते दर्जनों मशीनें कई शॉप्स में लगवानी पड़ी। बफे की स्टॉक मार्केट में बचपन से रुचि रही थी। दस वर्ष की उम्र से ही वह शेयर मार्केट जाने लगे थे। उन्होंने सिर्फ 11 वर्ष की उम्र में शेयर खरीदा था। पैसे कम होने के कारण वे सिर्फ 3 ही शेयर खरीद पाए। वह हर समय कमाने के बारे में सोचते और अपने आयडिया पर अमल करते। कॉलेज छोड़ने के समय उनके पास 9800 डॉलर थे।


उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक और इकोनॉमिक्स में एमए की पढ़ाई की। बफे ने 1951 में इन्वेस्टमेंट सेल्समैन की नौकरी की और तीन वर्ष तक इस पद पर रहे। वे तेजी से आगे बढ़ते गए और 1954 में उन्हें एक ऐसी नौकरी मिली जिसमें पार्टनरशिप भी था। इससे उनके पास तेजी से पैसा आने लगा। 1960 तक उन्होंने सात कंपनियों में भागीदारी कर ली। 1962 में वे लखपति हो गए। इसके बाद उन्होंने सातों कंपनियों को मिलाकर एक कर लिया। अपने कुल पैसे से उन्होंने एक टेक्सटाइल कंपनी खरीद ली जिसका नाम था बर्कशर हाथवे। उन्होंने उस कंपनी के शेयर सस्ते में खरीद लिये।


उसके बाद बफे रुके नहीं। अपने नए आयडिया से वे बिज़नेस में आगे बढ़ते गए और 1973 में उन्होंने वाशिंगटन पोस्ट अखबार खरीदा और उसके बाद वे लगातार समाचार पत्रों को खरीदते रहे। उन्होंने एक छोटी कंपनी कैपिटल सिटीज से एबीसी नाम की चार गुना बड़ी कंपनी खरीदवाकर तहलका मचा दिया और उसके 25 प्रतिशत के मालिक बन बैठे। 29 मई 1990 को वे अरबपति बन गए जब उनकी कंपनी के शेयर ऊपर चले गए। 2008 में बफे बिल गेट्स को पछाड़कर दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए। उस समय उनके पास 62 अरब डॉलर की संपत्ति थी। बिल गेट्स लगातार 13 वर्षों से इस सम्मान को पा रहे थे।


बफे दुनिया के सबसे बड़े दानी हैं और उन्होंने अपनी संपत्ति का 85 प्रतिशत दान देने की घोषणा कर दी है। उन्होंने अपनी वसीयत में लिखा है कि मैं अपने तीनों बच्चों को बहुत थोड़ा देना चाहता हूं ताकि वे काम करते रहें। जाहिर है उनके बच्चे उनकी कंपनी के मालिक नहीं हो सकेंगे जैसा भारत में होता है। बफे ने अपनी सरकार से आग्रह किया कि वह अमीरों पर और टैक्स लगाए। राष्ट्रपति ओबामा उनकी बात मानकर इस प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं।
~
स्रोत : दैनिक भाष्कर