Wednesday, March 7, 2012

बुक वैल्यू


किसी भी संपत्ति की बैलेंस शीट पर जो कीमत दिखाई जाती है, उसे बुक वैल्यू कहते हैं। इसकी गणना करने के लिए संपत्ति की लागत में से एक्यूमुलेटेड डेप्रीशिएशन को घटा देते हैं। किसी कंपनी के नेट असैट वैल्यू में कंपनी की प्रतिष्ठा (पेटेंट और उसकी प्रतिष्ठा) को संपत्ति के कुल लागत में घटा देने के बाद जो हासिल होता है उसे बुक वैल्यू कहते हैं।

निवेश करने के लिए जो प्रारंभिक खाका खींचते है, उसमें नेट या ग्रॉस खर्च को शामिल करते हैं। यह खर्च ट्रेडिंग कॉस्ट, सेल्स टैक्स, सर्विस चार्ज आदि को शामिल किया जाता है। बुक वैल्यू को नेट बुक वैल्यू (एनबीवी) के तौर पर हम जानते हैं। अमेरिका में बुक वैल्यू को हम नेट असैट वैल्यू के नाम से जाना जाता है।

दरअसल, बुक वैल्यू किसी भी कंपनी का लेखा-जोखा होता है। प्रमुख तौर पर इसे दो तरह से इस्तेमाल में लाया जाता है। पहला, बुक वैल्यू किसी कंपनी के संपदा की कीमत होती है, जिसके आधार पर शेयरधारकों को सैद्धान्तिक तौर पर कंपनी के बंद होने की स्थिति में उसका लाभ प्रदान किया जाता है। कंपनी की मार्केट वैल्यू की तुलना बुक वैल्यू से की जाती है ताकि उसके शेयरों की कीमत कम या ज्यादा हैं का पता चल सके