Thursday, March 1, 2012

बाजार फिर चढ़ेगा, बनी रहेगी एफआईआई खरीदारी :

बाजार में अभी जीडीपी के ताजा आँकड़ों के चलते थोड़ा उत्साह टूटा है और कच्चे तेल की कीमत से भी बाजार कुछ परेशान है।

लेकिन अभी बाजार में जो ऊपर की चाल आयी थी, उसका मुख्य कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की खरीदारी रही है। वह खरीदारी अभी जारी है, क्योंकि वैश्विक बाजारों में नकदी की मात्रा काफी है। साथ ही वैश्विक बाजारों में जोखिम की धारणा (रिस्क परसेप्शन) में कमी आयी है और निकट भविष्य इसके बढ़ने की आशंका भी नहीं है।

लिहाजा बाजार भले ही जीडीपी और तेल पर थोड़ा परेशान है, लेकिन एफआईआई खरीदारी जारी रह सकती है। उनके सामने ऐसा कोई कारण नहीं है कि उनके निवेश का प्रवाह रुक जाये। जहाँ तक जीडीपी के आँकड़ों की बात है, यह सबको पता था कि धीमापन रहेगा। आँकड़े अनुमान से थोड़े कम भले ही रहे, मगर यह कोई आश्चर्यजनक खबर नहीं थी।

मेरा मानना है कि बाजार थोड़ा रुका है, लेकिन इसके बाद ऊपर का ही रुख रहेगा। ऊपर बाजार कहाँ तक जा सकेगा, यह इस बात पर निर्भर है कि बजट कैसा रहेगा। अगर बजट अच्छा आया तो काफी तेजी रह सकती है। वैसे एक सामान्य उम्मीद यही है कि अप्रैल तक निफ्टी 5500 के ऊपर चला जायेगा। इसके बाद संभावना रहेगी कि 5500 का स्तर निफ्टी के लिए एक आधार बन जाये।

हालाँकि एक बड़ा जोखिम इस बात का रहेगा कि कहीं ईरान के साथ युद्ध जैसी स्थिति न बन जाये। ऐसा होने पर काफी नकारात्मक स्थिति बन सकती है। उसके बारे में कोई अनुमान लगाना मुश्किल है, लेकिन अभी इसकी संभावना कम लगती है। दूसरी चिंता यह है कि इस साल की दूसरी छमाही में ग्रीस फिर संकट में फंस सकता है और उन्हें फिर से वित्तीय मदद की जरूरत हो सकती है। लेकिन एफआईआई मान कर चल रहे हैं कि ग्रीस के संकट का उभरते बाजारों और खास कर भारत पर कोई बड़ा असर नहीं होगा। लिहाजा एफआईआई खरीदारी ग्रीस संकट की वजह से नहीं रुकेगी।

अब यह स्पष्ट है कि मौद्रिक नीतियों में ढील दे कर और नीतिगत सुधार करके सरकार और आरबीआई को वापस अर्थव्यवस्था को सँभालना पड़ेगा। आरबीआई ने सीआरआर घटा कर मौद्रिक ढील का साफ संकेत दिया भी था। मगर ब्याज दरों में कमी शायद मार्च के बदले अप्रैल में ही होगी। आरबीआई पहले यह देखना चाहेगा कि सरकारी घाटे में कमी के लिए बजट में कैसे कदम उठाये जाते हैं। आरबीआई गवर्नर ने पहले ही संकेत दिया था कि घाटे के बारे में अब सरकार को कदम उठाने होंगे।
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स्रोत : शेयर मंथन