Thursday, April 7, 2011

रणनीति ऐसी जो कर देगी आपको मालामाल :

हम सभी धन-दौलत बनाना चाहते हैं। साथ ही हम इसे बहुत जल्द और आसानी के साथ बनाना चाहते हैं। वाकई में ऐसा करना बेहद आसान है। साथ ही ऐसा करने के लिए किसी बड़े परिश्रम और पैसा बनाने के लिए जरूरी कौशल की भी जरूरत नहीं है। हमें केवल सही आदतों को अमल में लाने की जरूरत है।

हम सभी को यह पता है कि यदि हमें कहीं पहुंचना है तो हम जल्द निकलने की कोशिश करते हैं। ठीक इसी तरह हमारे जीवन में यदि हमें तेज गति के साथ पैसा बनाना है - ताकि युवा अवस्था में इन पैसों का आनंद लिया जा सके - इसलिए हमें पैसे बनाने की शुरूआत जल्द से जल्द करनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि महान निवेशक और दुनिया के अमीरों में शुमार वारेन बफ़ेट ने अपने जीवन का पहला निवेश उम्र के 11वें वर्ष में किया था और उनके मुताबिक यह भी काफी देर ही है बल्कि 11 वर्ष के पहले ही निवेश शुरु कर दिया जाना चाहिए था। वारेन बफ़ेट उम्र के करीब 30वे वर्ष में ही करोड़पति बन गये थे।



दुख की बात यह है कि हम लोगों में से कई लोग अपनी संपत्ति बनाने में देर कर देते हैं। शुरुआती दौर में जब हम अपना करियर शुरु करते हैं और अपनी पहली आय अर्जित करते हैं, हम इस पैसे से पूरी दुनिया खरीदना चाहते हैं। जल्द ही हम शादी के बंधन में बंध जाते हैं, हम घर खरीदते हैं, हमारा परिवार बनता, ऐसे में खर्चे बढ़ते ही चले जाते हैं। गौरतलब है कि हमारी आय तो बढ़ जाती है लेकिन हमारे खर्चे भी उसी रफ्तार में बढ़ते चले जाते हैं। यही वक्त होता है जो हमारे धन-दौलत बनाने में रोड़ा बन जाता है और हमारी परीक्षा लेता है। मसलन, यदि हम बचत की शुरुआत के लिए अगले साल, अगली वेतन-वृद्धि, अगले बोनस, अगले इंसेटिव का इंतजार करते रहें तो ऐसा कभी संभव नहीं हो पाएगा। हां, लेकिन एक चीज जरूर होगी कि हमारी संपत्ति बनाने की योजना आगे-आगे बढ़ते हुए और देर होते चली जाएगी।

विक्रम ने जनवरी 1991 में 10,000 रुपये प्रतिमाह एक तरफ रखकर उस रकम को ऐसे निवेश में डाल दिए जिससे 8% का रिटर्न मिलता था। विक्रम के मित्र रोहित ने भी निवेश करने की सोची और आगे उन्होंने भी विक्रम के ही तरह एक वर्ष बाद 10,000 रुपये प्रतिमाह का निवेश 8% रिटर्न वाले निवेश (विक्रम द्वारा किए गए निवेश उपकरण में ही) में किया यानी जनवरी 1992 से। 31 दिसंबर 2000 को विक्रम ने जब 10 वर्षों के लिए निवेश कर लिया था और रोहित को निवेश किए हुए 9 वर्ष हो गए थे, ऐसे में दोनों मित्रों ने अपने-अपने निवेश पर एक नजर डाली। विक्रम ने कुल 18,29,460 रुपये की राशि हासिल कर ली थी, जबकि रोहित जिन्होंने एक वर्ष बाद निवेश की शुरुआत की थी उनकी कुल राशि 15,74,295 रुपये तक पहुंच गई थी। निवेश में एक वर्ष की देरी किए जाने की वजह से रोहित की कुल राशि विक्रम की तुलना में 2,55,165 रुपये कम हो गई।

यदि विक्रम और रोहित 10,000 रुपये की राशि के निवेश को क्रमशः 40 और 39 वर्षों तक शुरु रखते थे तो इस अवधि के खत्म होने के समय दोनों की कुल राशि में 27,90,145 का फर्क होता था। ध्यान देने वाली बात यह है कि महज़ एक वर्ष की देरी किए जाने की वजह से रोहित को कितना नुकसान हुआ है।

कई बार मैं जब अपने लेखों में इसी तरह का उदाहरण देता हूं, तो मुझे पाठकों की ओर से ईमेल मिलते हैं जिसमें लिखा होता है कि उनके पास निवेश के लिए 10,000 रुपये नहीं हैं और आगे वे लोग केवल तभी निवेश की शुरूआत करेंगे जब उनके पास 10,000 रुपये की राशि इकट्ठा हो जाएगी। यह निवेश को रोककर रखने का एक और कारण बन जाता है। चाहे कोई निवेशक 100 रुपये या 1,00,000 रुपये के साथ निवेश करे, लेकिन दोनों में एक समान ही बात है परंतु यह मायने रखता है कि जो जल्द निवेश की शुरुआत करता है वह दौड़ की प्रतिस्पर्धा को सबसे पहले जीत लेता है।

हमारी खर्च करने की आदतें भी संपत्ति बनाने की राह में रोड़ा बन जाते हैं। वहीं बुद्धिमानी के साथ पैसे बनाने के तत्व के लिए पी-आई-पी-ई का अनुसरण करें, जैसे- निवेश शुरु करें, खर्चों को टालें, हम प्रायः खर्चों को शुरु करते हैं और निवेश को टाल देते हैं। सेल (सस्ती दरों पर मिलने वाली चीजें) के लिए भागना और अपने भविष्य की जरूरतों को आज ही खरीदने का तात्पर्य खर्चों की शुरुआत करने से होता है। इस बात ध्यान रखें कि मैं सेल से खरीदारी करने के खिलाफ नहीं हूं। मैं केवल यह सुझाव दे रहा हूं कि ऐसी कोई चीज न खरीदें जिसकी आपको तुरंत जरूरत न हो। रिटेलर हमेशा इस बात को लेकर उत्सुक रहते हैं कि हम खर्च करना शुरु करें। यह तरकीब उनको जल्द आय हासिल करने में मदद करेगी। हालांकि हमारा ध्यान बचत और निवेशों को शुरुआत करने के प्रयासों पर होना चाहिए। यह तरकीब हमें जल्द संपत्ति हासिल करवाने में मददगार होगी।

"आपकी तनख्वाह आपको अमीर नहीं बनाती है; यह तो आपके खर्च करने की आदतों पर निर्भर करता है।"
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स्रोत : Moneycontrol.com