Thursday, April 18, 2013

निवेशकों के करोड़ो डूबने की आशंका :

जागरण कार्यालय, आसनसोल : चिटफंड संस्था शारदा ग्रुप ऑफ कंपनीज के विभिन्न शाखा कार्यालयों के अचानक बंद हो जाने से निवेशकों और एजेंटों में हड़कंप मच गया है। करोड़ों रुपये डूबने की आशंका से निवेशकों और एजेंटों में दहशत है। आसनसोल शिल्पांचल में विभिन्न स्थानों पर कंपनी कार्यालय बंद होने पर दर्जनों की संख्या में एजेंट और निवेशकों ने बुधवार को आसनसोल महकमा शासक कार्यालय में ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की।
एसडीओ कार्यालय में आसनसोल, नियामतपुर, पुरुलिया, कुल्टी के अलावा बिहार के आरा से एजेंट और निवेशक आये थे।


प्रभावितों ने बताया कि कंपनी द्वारा बीते चार महीने से कर्मचारियों का वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है। वहीं दो माह से एजेंटों को कमीशन और निवेशकों की राशि का भुगतान रोक दिया गया है। बुधवार को अचानक इस अंचल के सारे कार्यालय भी बंद कर दिये गए। जिसके बाद से वे लोग यहां आये हैं। इस खबर के शहर में फैलने के बाद से निवेशकों में हड़कंप मच गया है। सुबह से ही शारदा ग्रुप के कार्यालयों के सामने लोगों की भीड़ लगने लगी। निवेशक तपन दे ने कहा कि उन्होंने दो लाख 80 हजार रुपये का एमआइएस कराया था। एक साल तक मासिक रिटर्न दिया। लेकिन बीते दो माह से कोई पैसा नहीं मिला। सेवानिवृत्तिके बाद यही उनकी जमापूंजी थी। यह राशि डूबने से वह बर्बाद हो जाएंगे। एजेंट ओम प्रकाश सिंह, वीरेन्द्र सिंह, अनिल दुबे, अनुज आदि ने कहा कि कंपनी के बंगाल के अलावा झारखंड, बिहार, ओडिशा में भी शाखाएं हैं, जहां करीब साढ़े चार लाख एजेंटों के माध्यम से साढ़े चार करोड़ लोगों ने करोड़ों रुपया निवेश किया है। बंगाल में ही कंपनी की 250 शाखाएं हैं। कंपनी द्वारा कंस्ट्रक्शन, होटल एवं रिसोर्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर, मीडिया आदि का संचालन किया जा रहा था। वहीं शासक दल के नेताओं का भी समर्थन था। इसलिए उनलोगों ने इसमें निवेश किया। बीते दिसंबर 2012 से ही कंपनी के शीर्ष प्रबंधन का रवैया ठीक नहीं था। कंपनी लगातार अपने वादों से मुकर रही थी। सीएमडी सुदीप्त सेन भी समस्याओं को समाधान करने में नाकाम रहे थे। तब उनलोगों को अहसास हुआ कि वह लोग किसी बड़े धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं। इस संबंध में कंपनी के आसनसोल प्रबंधक शिवशंकर ने कहा वह लोग खुद कोलकाता में आन्दोलन करने गये थे। कंपनी के मालिक का कोई सुराग नहीं है। शासक दल की ओर से निर्देश दिया गया कि सभी कार्यालयों को बंद कर दिया जाए। इसलिए उनलोगों ने कार्यालयों को बंद कर दिया। आसनसोल चैंबर ऑफ कामर्स के सचिव शंभूनाथ झा ने कहा कि उन्होंने कुछ दिन पहले ही एसडीओ को पत्र लिखकर आगाह किया था कि ऐसी कंपनियों पर नजर रखी जाए।
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Source : jagran