Monday, April 9, 2012

फाइनेंशियल प्लानिंग: सुरक्षित भविष्य का पहला कदम


फाइनेंशियल प्लानिंग का जीवन में बड़ा महत्व होता है, जैसा कि अक्सर कहा जाता है कि कोई ठोस नीति तैयार किए बिना किसी भी काम को सफलतापूर्वक नहीं किया जा सकता है। उसी तरह जीवन के वित्तीय लक्ष्यों और जरूरतों की पूर्ति में फाइनेंशियल प्लानिंग की भूमिक सबसे अहम है।
 किसी अच्छे फाइनेंशियल प्लानर की सलाह से हम अपनी फिनान्सिअल प्लानिंग कर सकते है । आइये इसे समझते है । प्रत्येक व्यक्ति के कई लक्ष्य होते हैं, कई चुनौतियां होती है, परिवार की जिम्मेदारियां होती हैं। बच्चों की पढ़ाई, उनकी शादी, खुद का घर खरीदने का सपना, यह सब ऐसे लक्ष्य हैं जिनकी पूर्ति के लिए एक आम आदमी जीवन भर संघर्षशील रहता है। वहीं संघर्षषशील जीवन की राहों में कोई चीज सबसे मददगार साबित होती है तो वह है प्लानिंग यानी फाइनेंशियल प्लानिंग। जिसकी मदद से व्यक्ति अपने सपनों को साकार करता है।

बिना फाइनेंशियल प्लानिंग के कोई भी व्यक्ति अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल नहीं कर सकता है। और फाइनेंशियल प्लानिंग व्यक्ति को अपनी आय की शुरुआत से ही करनी चाहिए। वहीं व्यक्ति को सबसे पहले अपनी आय के बराबर की 6 गुने तक की रकम हमेशा इमरजेंसी फंड के रूप में जमा रखनी चाहिए।

निजीकरण के इस दौर में नौकरियां चुटकियों में जाती हैं, ऐसे में व्यक्ति के द्वारा तैयार किया गया इमरजेंसी फंड उसके मुश्किल समय में काम आता है। किसी भी व्यक्ति को ज्यादा राशि अपने बचत खाते में नहीं रखनी चाहिए, बल्कि उसका उपयोग दूसरे कामों में करना चाहिए।

मान लीजिए किसी व्यक्ति के बचत खाते में 5 लाख रुपये रखे हैं। और वह घर खरीदने की प्लानिंग कर रहा है, तो उसे उन 5 लाख रुपयों का इस्तेमाल घर खरीदने के लिए अग्रिम भुगतान के रूप में करना चाहिए। वहीं यदि व्यक्ति इस रकम का इस्तेमाल घर खरीदने के लिए उपयोग नहीं करना चाहता है, तो कम से कम म्यूचुअल फंड में तो डाल ही देना चाहिए। ताकि बचत खाते की अपेक्षा बेहतर मुनाफा कमाया सके। कहा जाता है कि पैसे का काम पैसा ही करता है, उसी तरह व्यक्ति को अपने पैसे से ही पैसा बनाने की नीति सीखनी चाहिए। कहने का तात्पर्य यह है कि यदि 5 लाख रुपये की रकम को बचत खाते में रखने से 4 फीसदी की ब्याज मिलता है, जबकि उतनी ही रकम को यदि इक्विटी या डेट फंड में डाला जाता है तो वह 10 फीसदी तक का रिटर्न कमाया जा सकता है। ऐसे में इक्विटी या डेट फंड में पैसा लगाना ज्यादा समझदारी वाला कदम होगा। हालांकि इसमें कुछ जोखिम जरूर हो सकते हैं, लेकिन बिना जोखिम उठाए जीवन में सफलता नहीं मिलती है। 

नौकरी मिलने के बाद से निवेश करना शुरू कर देना चाहिए। शुरुआती दौर में ही सबसे ज्यादा निवेश और बचत करने का मौका होता है। 

जरूरी नहीं है कि बहुत ज्यादा रकम की बचत की जाए। हर महीने थोड़ा से निवेश या बचत करके भी आप काफी पैसे बचा पाएंगे। जो आपको बुरे समय में काम आएंगे।  SIP के माध्यम से छोटी छोटी बचत करना शायद पहली बार में आकर्षक न लगे लेकिन ये निवेशकों को बचत की आदत डालता है और बढते वर्षों में ये आपको सुंदर प्रतिलाभ (रिटर्न) देते हैं। 1,000 रूपये महिने का एक SIP का धन 8% की दर से 20 वर्षों में बढकर 8.89 लाख रूपये, 30 साल में 14.90 लाख रूपये और  18% की दर से 20 वर्षों में बढकर 23.08 लाख रूपये, 30 साल में 1.41 करोड़  तक हो सकता है।

जिंदगी के इस दौर में लंबी अवधि के लिए सोचना मुश्किल है। लेकिन, कुछ बातें तो सभी करनी होती हैं, जैसे घर खरीदना, कार खरीदना, शादी करना। इन सब जरूरतों के लिए जितनी जल्दी पैसा बचाया जाए, उतना ही अच्छा है।

बचत के साथ स्वास्थ्य बीमा लेना भी जरूरी है। जीवन बीमा की जरूरत लगे या न लगे, लेकिन अपना जीवन बीमा जरूर कराएं। तंदरुस्त होने के बावजूद स्वास्थ्य बीमा कराएं। ऐसा करने से बीमारी के वक्त हॉस्पीटल और इलाज का खर्चा आपको बीमा कंपनी देगी। 

दुर्घटना के लिए भी अपना बीमा कराएं। इससे आप दुर्घटना से जुड़ी अपंगता, इलाज और मौत के लिए सुरक्षित रहेंगे

पैसा कमाना आज के दौर में सबसे कठिन काम है, लेकिन पैसे का सही इस्तेमाल करना उससे भी कठिन होता है। व्यक्ति अपने पैसे का निवेश किस तरह करे कि भविष्य की अपनी जरूरतों को पूरा कर सके, यह उसके सामने बड़ी चुनौती होती है। इस उलझन में फंसकर कई बार व्यक्ति बिना किसी फाइनेंशियल प्लानिंग किए ही चलता है और भविष्य के लक्ष्यों को हासिल कर पाने में नाकाम साबित होता है। इसलिए फाइनेंशियल प्लानिंग जरूरी है, ताकि आपको और आपके पैसों को एक सही दिशा मिल सके। जरूरत हो तो इसके लिए किसी अच्छे फाइनेंशियल प्लानर की सलाह भी ली जा सकती है।