शेयर बाजारों की जब चर्चा होती है तो सेंसेक्स और निफ्टी का नाम आता है। अक्सर सुना जाता है कि सेंसेक्स बढ़ गया और निफ्टी गिर गया है। आइए हम बताते हैं इन दोनों का फर्क।
सेंसेक्स बंबई शेयर बाजार का इंडेक्स या सूचकांक है जबकि निफ्टी नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का। बीएसई 30 बड़े और ऐक्टिव शेयरों का आधार है यानी इसकी चाल ये 30 शेयर ही तय करेंगे चाहे बाजार के ज्यादातर शेयर गिर भी जाएं तो भी अगर ये 30 चढ़ते रहेंगे तो सूचकांक बढ़ेगा। इस तीसों के अलग-अलग वजन हैं और इन पर सूचकांक निर्भर करेगा। ये अलग-अलग सेक्टरों के प्रतिनिधि होते हैं।
यही हाल निफ्टी का भी है। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज के 50 बड़े शेयरों से यह बना है। ये भी अलग-अलग 24 सेक्टरों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह कई उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जैसे बेंचमार्किंग फंड पोर्टफोलियो, इंडेक्स आधारित डेरिवेटिव्स और इंडेक्स फंड।
फिर भी दोनों का एक ही मकसद है शेयर बाजार की स्थिति बताना।
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Source : dainikbhaskar
सेंसेक्स बंबई शेयर बाजार का इंडेक्स या सूचकांक है जबकि निफ्टी नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का। बीएसई 30 बड़े और ऐक्टिव शेयरों का आधार है यानी इसकी चाल ये 30 शेयर ही तय करेंगे चाहे बाजार के ज्यादातर शेयर गिर भी जाएं तो भी अगर ये 30 चढ़ते रहेंगे तो सूचकांक बढ़ेगा। इस तीसों के अलग-अलग वजन हैं और इन पर सूचकांक निर्भर करेगा। ये अलग-अलग सेक्टरों के प्रतिनिधि होते हैं।
यही हाल निफ्टी का भी है। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज के 50 बड़े शेयरों से यह बना है। ये भी अलग-अलग 24 सेक्टरों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह कई उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जैसे बेंचमार्किंग फंड पोर्टफोलियो, इंडेक्स आधारित डेरिवेटिव्स और इंडेक्स फंड।
फिर भी दोनों का एक ही मकसद है शेयर बाजार की स्थिति बताना।
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